लेखनी कहानी -26-Nov-2022 गद्दार
एक से एक गद्दार भरे पड़े हैं
तथाकथित बुद्धिजीवी कलाकार मरे पड़े हैं
जिन्हें भारतीय सेना का मखौल उड़ाने में आनंद आता है
अपने ही देश को नीचा दिखाने में आनंद आता है
गलवान के पराक्रम पर उंगली उठाते हैं
ये गद्दार चीन के सुर में सुर मिलाते हैं
चार ठुमके क्या लगाये, कलाकार बन गये
देश विरोधी लिबरलों के पैरोकार बन गये
जब जनता ने दौड़ाया तब रोने लग गये
"मेरे नाना भी फौजी थे" कहने लग गये
दरअसल कुछ पाकिस्तानी इस देश में रहते हैं
रिचा, स्वरा, तापसी नाम से ठगते रहते हैं
जिनकी औकात दो कौड़ी की भी नहीं है
वे सूरज के भाल पर थूकने की कोशिश करते हैं
देश विरोधियों को पहचानना होगा
काले नागों का फन कुचलना होगा
तभी यह देश सुरक्षित हो सकेगा
सही मायनों में जन्नत बन सकेगा
संविधान दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं
श्री हरि
26.11.22
Shashank मणि Yadava 'सनम'
27-Nov-2022 07:07 PM
शानदार सृजन
Reply
Hari Shanker Goyal "Hari"
28-Nov-2022 01:28 AM
धन्यवाद जी
Reply
Haaya meer
26-Nov-2022 07:23 PM
Amazing
Reply
Hari Shanker Goyal "Hari"
27-Nov-2022 08:18 AM
धन्यवाद जी
Reply
Rajeev kumar jha
26-Nov-2022 02:27 PM
बहुत खूब
Reply
Hari Shanker Goyal "Hari"
26-Nov-2022 03:58 PM
धन्यवाद जी
Reply